संत शिरोमणि सैन जी महाराज
सन्यासियों का दायित्व क्या है? यह एक अहम् सवाल है. देश का
यक्ष प्रश्न है. संत सिर्फ धर्म रक्षा करेंगे, या धर्म के मूल में समाज को
दुखी करने वाले कारणों को तलाश कर, उसे दूर करने के लिए कार्य करेंगे.
प्राचीन काल में ऋषि-मुनी जन-कल्याण के लिए राजा-महाराजाओं से लड़ने के
लिए तैयार रहते थे. रामायण-काल में भी ऋषियों के आग्रह पर राम-लक्ष्मण को
राक्षसों के अत्याचार के लिए राजमहल से निकल कर जंगलों में जाना पड़ा था.
राजा दशरथ अपने प्रिय पुत्रों को जन-हित में ऋषियों के साथ खुशी मन या
दुखी मन से विदा किये थे. यह स्पष्ट है कि संत, सन्यासी, ऋषि-मुनी, जन
कल्याण के लिए राजाओं को नियंत्रित करते थे. वर्तमान समय में संत समाज जनता
से कट कर है.
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